तरंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड रेल लाइन परियोजना कब तक पूरी होगी ?

 तरंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड रेल लाइन परियोजना कब तक पूरी होगी ?

तरंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड रेल लाइन परियोजना

गुजरात राज्य के दो प्रसिद्ध तीर्थस्थल माँ अम्बाजी मंदिर व श्री अजितनाथ जैन मंदिर को रेल से जोड़ने की परियोजना है तरंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड रेल लाइन परियोजना। 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 13 जुलाई को 2798.16 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से रेल मंत्रालय द्वारा बनाई जाने वाली तरंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल लाइन के निर्माण को मंजूरी दे दी है। नई रेल लाइन की कुल लंबाई 116.65 किलोमीटर होगी। यह परियोजना 2026-27 तक पूरी हो जाएगी।

 यह परियोजना निर्माण के दौरान लगभग 40 लाख मानव दिवसों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नए भारत की परिकल्पना के अनुरूप, यह परियोजना कनेक्टिविटी बढ़ाने और आवाजाही में सुधार करने जा रही है जिससे क्षेत्र का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास होगा। 

अंबाजी एक प्रसिद्ध महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और भारत में 51 शक्तिपीठों में से एक है और हर साल गुजरात के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों व विदेशों से लाखों भक्तों को आकर्षित करता है। इस लाइन के बनने से इन लाखों श्रद्धालुओं को यात्रा में आसानी होगी। इसके अलावा, तरंगा हिल में अजीतनाथ जैन मंदिर (24 पवित्र जैन तीर्थंकरों में से एक) के दर्शन करने वाले भक्तों को भी इस संपर्क (कनेक्टिविटी) से बहुत लाभ होगा। 

Maa Amba Ji ki Jay ho


तरंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड के बीच यह नई रेलवे लाइन इन दो महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों को रेलवे के मुख्य नेटवर्क से जोड़ेगी। यह लाइन कृषि और स्थानीय उत्पादों को तेजी से लाने-ले जाने की सुविधा प्रदान करेगी और गुजरात व राजस्थान राज्य के भीतर तथा देश के अन्य हिस्सों में भी लोगों की बेहतर आवाजाही प्रदान करेगी। यह परियोजना मौजूदा अहमदाबाद-आबू रोड रेलवे लाइन के लिए वैकल्पिक मार्ग भी प्रदान करेगी। 

प्रस्तावित दोहरीकरण के जुड़ने से राजस्थान के सिरोही जिले और गुजरात के बनासकांठा और मेहसाणा जिलों से होकर गुजरेगी। नई रेल लाइन के निर्माण से निवेश आकर्षित होगा और क्षेत्र का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने ट्वीट्स के माध्यम से श्री अमित शाह ने कहा कि “मोदी जी भारतीय संस्कृति के प्राचीन तीर्थ स्थलों का पुनरुत्थान करने और श्रद्धालुओं को सुविधाएँ देने के लिए निरंतर कार्यरत हैं। आज गुजरात के लिए एक बड़ा दिन है। मोदीजी ने गुजरात के दो प्रसिद्ध तीर्थस्थल माँ अम्बाजी मंदिर व श्री अजितनाथ जैन मंदिर को रेल से जोड़ने का निर्णय किया है।”

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि “116.65 किमी लंबी इस रेल लाइन से यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं के साथ स्थानीय लोगों को भी सुविधा होगी व क्षेत्र के विकास को और गति मिलेगी। केंद्रीय कैबिनेट द्वारा ₹2798 करोड़ से तारंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल परियोजना को स्वीकृति देने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करता हूँ।”

 तरंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड नई रेल लाइन किन राज्यों व जिलों से होकर गुजरेगी ?

तारंगा हिल-अंबाजी-आबू रोड स्वीकृत नई रेल परियोजना के अंतर्गत अहमदाबाद और आबू रोड के बीच वैकल्पिक रेल मार्ग खुलेगा,जिससे क्षेत्र के लोगों को न केवल सुगम रेल यातायात की सुविधा मिलेगी बल्कि इससे सामाजिक और आर्थिक विकास के द्वार भी खुलेंगे। 

स्वीकृत रेल लाइन राजस्थान के सिरोही और गुजरात के बनासकांठा, साबरकांठा और महेसाना ज़िलों से होकर गुज़रेगी। नए रेलमार्ग से दोनों राज्यों के लोगों को लाभ तो होगा ही,साथ ही कृषि उपज और स्थानीय उत्पादों का तीव्र परिवहन संभव होगा तथा रोज़ग़ार का सृजन भी होगा।

नई रेल लाइन से क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और आर्थिक प्रगति भी होगी। गुजरात स्थित अंबाजी प्रसिद्ध प्रसिद्ध तीर्थस्थल है और 51 शक्तिपीठों में से एक है। इस रेल लाइन से अम्बाजी मंदिर और तारंगा हिल स्थित प्रसिद्ध अजितनाथ जैन मंदिर तक कनेक्टिविटी बढ़ने से न केवल देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की यहां तक पहुंच आसान होगी बल्कि गुजरात और राजस्थान में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

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