क्या है 'मां भारती के सपूत' वेबसाइट
भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक परिसर में 14 अक्टूबर, 2022 को आयोजित एक समारोह में "सशस्त्र सेना युद्ध हताहत कल्याण कोष " (एएफबीसीडब्ल्यूएफ) में आम नागरिकों के योगदान के लिए 'मां भारती के सपूत' वेबसाइट (www.maabharatikesapoot.mod.gov.in) की शुरुआत की है।
आपको बता दें कि एएफबीसीडब्ल्यूएफ एक त्रि-सेवा कोष है, जिसका उपयोग उन सैनिकों/नौसेनिकों/वायुसैनिकों के परिवारों को तत्काल वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए किया जाता है जो सक्रिय सैन्य अभियानों में बलिदान दे देते हैं या गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं।
क्यों बनानी पड़ी 'मां भारती के सपूत' वेबसाइट
वैसे तो , भारत सरकार ने सक्रिय युद्ध अभियानों के दौरान शहीद हुए या दिव्यांग सैनिकों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, फिर भी पिछले काफी दिनों से नागरिकों, कॉर्पोरेट प्रमुखों, बैंकों और उद्योगपतियों की ओर से सैनिकों और उनके परिवार वालों के कल्याण के लिए योगदान करने की एक मजबूत जन भावना और अनुरोध रहा था।
इसी अनुरोध को देखते हुए यह वेबसाइट बनाई गई है। यह वेबसाइट लोगों को सीधे फंड में ऑनलाइन योगदान करने में सक्षम बनाएगी। योgदान देने के बाद इस वेबसाइट से ऑनलाइन योगदान का प्रमाण पत्र भी डाउनलोड किया जा सकता है।
'मां भारती के सपूत' वेबसाइट के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के उन बहादुर सैनिकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनके बलिदान और अटूट प्रतिबद्धता ने देश को उन लोगों से सुरक्षित रखा है जो देश पर बुरी नजर डालने की कोशिश करते हैं।
महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी, भगवान बिरसा मुंडा, रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और अशफाकउल्लाह खान जैसी महान हस्तियों के नाम हमेशा हमारे दिलों में अंकित रहेंगे। उनका बलिदान आज भी सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने कहा कि यह हमारे सशस्त्र बल हैं जो हमारी स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए सबसे आगे हैं।
'भारत के वीर' पहल क्या है ?
भारत के रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की हमेशा रक्षा करने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की, जो युद्ध और सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों जैसे खतरों का साहस और तत्परता से मुकाबला करते हैं।
उन्होंने कहा कि इसलिए, नागरिकों की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे आगे आएं और सैनिकों और उनके परिवारों की मदद उसी तरह करें जैसे वे राष्ट्र की रक्षा के अपने कर्तव्यों को पूरा करते हैं।
1962 और 1971 के युद्धों के दौरान सशस्त्र बलों को जनता की मदद के साथ-साथ गृह मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कर्मियों के कल्याण के लिए शुरू की गई 'भारत के वीर' पहल का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अपने सैनिकों को हर संभव मदद देने की देश की हमेशा से परंपरा रही है।
उन्होंने 'मां भारती के सपूत' वेबसाइट को उस दिशा में एक बड़ा कदम बताया और लोगों से कोष में उदारता से योगदान करने का आग्रह किया। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस योगदान के माध्यम से नागरिक सशस्त्र बलों और उनके परिवारों के कल्याण और समग्र रूप से राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकते हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि, “देश की प्रगति की यात्रा में सभी को अपनी भूमिका निभानी चाहिए। इस यात्रा में एक जिम्मेदार राइडर बनना चाहिए न कि फ्री-राइडर। राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लेना हमारा कर्तव्य है।”
'मां भारती के सपूत' वेबसाइट के सद्भावना राजदूत कौन हैं ?
एक वीडियो संदेश में, इस पहल के 'सद्भावना राजदूत' श्री अमिताभ बच्चन ने शहीद नायकों के परिवारों के प्रति आभार व्यक्त किया और लोगों से आगे आने और कोष में योगदान करने का आह्वान किया। इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने शहीद हुए वीरों के परिजनों और दिव्यांग सैनिकों को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर कई शहीद सैनिकों के माता-पिता और रिश्तेदार शामिल हुए। 'मां भारती के सपूत' वेबसाइट के लांच करने के अवसर पर कई कार्यक्रम भी आयोजित किए गए।
इनमें कवि श्री मनोज मुंतशिर शुक्ला ने काव्य पाठ किया, आर्मी सिम्फनी बैंड ने अपनी कला का प्रदर्शन किया, और गायक मोहित चौहान ने भी अपनी आवाज का जादू बिखेरा। इसमें सेना की गतका और कलारिपयट्टू टीमों द्वारा मार्शल आर्ट का प्रदर्शन, डॉ एल सुब्रमण्यम और श्रीमती कविता कृष्णमूर्ति द्वारा युगल गीत और अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा द्वारा विचारों को साझा करना शामिल था।
इस कार्यक्रम में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी, थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, सचिव (पूर्व सैनिक कल्याण) श्री विजॉय कुमार सिंह, नौसेना के उपाध्यक्ष वाइस एडमिरल एस एन घोरमडे और अन्य वरिष्ठ गैर-सैन्य एवं सैन्य अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता सूबेदार नीरज चोपड़ा भी मौजूद थे।
क्या डाक-पता है 'मां भारती के सपूत' के लिए योगदान देने का
रक्षा मंत्रालय के भूतपूर्व सैनिक कल्याण विभाग की ओर से भारतीय सेना इस कोष का लेखा-जोखा रख रही है। इसमें ऑनलाइन योगदान के अलावा, दान की पारंपरिक प्रणाली भी जारी रहेगी।
इसमें दान नई दिल्ली में देय सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष के पक्ष में तैयार किए गए डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से किया जा सकता है जिसे डाक द्वारा निम्नलिखित पते पर भेजा जा सकता है: -
लेखा अनुभाग
एडजुटेंट जनरल ब्रांच
समारोह और कल्याण निदेशालय
कमरा नंबर 281-बी, साउथ ब्लॉक
रक्षा मंत्रालय (सेना) आईएचक्यू,
नई दिल्ली – 110011
वैकल्पिक रूप से, योगदान सीधे सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष के खाते में किया जा सकता है। बैंक खातों का विवरण नीचे दिया गया है:-
पहला खाता :
कोष का नाम: सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष
बैंक का नाम: केनरा बैंक, साउथ ब्लॉक, रक्षा मुख्यालय नई दिल्ली - 110011
आईएफएससी कोड: CNRB0019055
खाता संख्या: 90552010165915
खाते का प्रकार: बचत
दूसरा खाता :
फंड का नाम: सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष
बैंक का नाम: भारतीय स्टेट बैंक, संसद मार्ग, नई दिल्ली - 110011
आईएफएससी कोड: SBIN0000691
खाता संख्या: 40650628094
खाते का प्रकार : बचत