पायलट ग्रीन हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी क्या है ? Pilot Green Hydrogen Technology kya hai

 What is Pilot Green Hydrogen Technology ?

एनएचपीसी ने 15 जुलाई 2022 को केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह और कारगिल जिलों में बिजली के क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के देश के संकल्प के अनुरूप “पायलट ग्रीन हाइड्रोजन टेक्नोलॉजी" के विकास के लिए दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।  

केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख के माननीय उपराज्यपाल श्री आर.के. माथुर की गरिमामयी उपस्थिति में इन दोनों समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए 

लेह जिले के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसारएनएचपीसीएनएचपीसी परिसर के भीतर स्थित निम्मो बाजगो विद्युत उत्पादन केन्द्र (लेह) के एनएचपीसी अतिथि गृह की बिजली संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए हाइड्रोजन उत्पादन सहित पायलट ग्रीन हाइड्रोजन ईंधन सेल आधारित माइक्रोग्रिड के विकास पर विचार करेगी। कारगिल जिले के लिए हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसार, आवाजाही संबंधी जरूरतों की दृष्टि से कारगिल में उत्पादित हाइड्रोजन का उपयोग ईंधन सेल में किया जाएगा जोकि कारगिल के स्थानीय इलाकों में आठ घंटे तक दो बसें चलाने में समर्थ होगी।

एनएचपीसी आवाजाहीपरिवहनहीटिंग और माइक्रो-ग्रिड जैसे विभिन्न क्षेत्रों में लद्दाख इलाके  की हाइड्रोजन संबंधी जरूरतों की पूर्ति के लिए वाणिज्यिक पैमाने पर हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ाएगी और बाद में इस संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर अलग से हस्ताक्षर किए जायेंगे।

ये दोनों पायलट परियोजनाएं भविष्य में ग्रीन हाइड्रोजन के विकास और परिवहन/हीटिंग के क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए एक रोडमैप तैयार करेंगी और हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था में दीर्घकालिक निवेश को आकर्षित करेंगी जिससे राजस्व के विभिन्न विकल्प उभरेंगे और केन्द्र – शासित प्रदेश लद्दाख के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

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