क्या है indiahandmade.com website ?

 क्या है indiahandmade.com website ?


दोस्तों , हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन तथा केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने भारत की समृद्ध हथकरघा और हस्तकला विरासत के लिए वन-स्टॉप-शॉप indiahandmade.com वेबसाइट बनाई है जिस पर कारीगर अपने आइटम बेच सकते हैं। 

Narendra Modi has urged everyone to visit  Indiahandmade.com

प्रधानमंत्री मोदी ने आज 24 अप्रैल 2023 को ट्वीटर के माध्यम से लोगो को इस वेबसाइट पर विजिट करने का अनुरोध किया है. ताकि कारीगरों द्वारा निर्मित सामान की सही कीमत में बिक्री हो सके। 

हमारे शिल्‍पकार विश्‍व के समक्ष भारत की विरासत को प्रदर्शित करने वाले दूत और हमारी संस्‍कृति के प्रकाश स्‍तंभ हैं। भारत अब जिस गति से आगे बढ़ रहा है उतना पहले कभी नहीं था। 

हम इस समय विश्‍व के लिए निवेश और अवसरों के मामलों में सबसे पसंदीदा गंतव्‍य बन गए हैं। हस्‍तशिल्‍प और हथकरघा क्षेत्र से जुड़े शिल्‍पकारों ने भारत की इस प्रगति में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा की है।

शिल्‍पकार हमारी संस्‍कृति के प्रकाश स्‍तंभ है। ये हमारी संस्‍कृति और रचनात्‍मकता के सबसे प्रभावी और शक्तिशाली हस्‍ताक्षर है। इन्होने विश्‍व को यह दर्शा दिया है कि भारत के पास इतनी असाधारण प्रतिभा है।

हस्‍तशिल्‍प और हथकरघा शेष विश्‍व के साथ जुड़ने के लिए भारत को आत्‍मविश्‍वास और आत्‍मनिर्भरता प्रदान करने वाला आधार है।

भारत के शिल्‍पकारों ने सदियों से अपने खुद के- आमतौर पर अनूठे तरीके ईजाद कर और उन्‍हें अपनाकर पत्‍थर, धातुओं, चन्‍दन और मिट्टी में जीवन का संचार किया। उन्‍होंने बहुत पहले ही वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग प्रक्रियाओं में महारत हासिल कर ली और वो अपने समय से बहुत आगे थे।

 उनकी रचनाओं में उनके परिष्‍कृत ज्ञान और अतिविकसित सौन्‍दर्य बोध का परिचय मिलता है। हमारे गांव में रहने वाले लाखों लोग बहुत कम लागत में हस्‍तशिल्‍प वस्‍तुओं का उत्‍पादन कर न सिर्फ इसके जरिये अपनी आजीविका चलाते हैं बल्कि हमारे पास भारत की संस्‍कृति, विरासत और परम्‍परा को दर्शाने वाली इन हस्‍तशिल्‍प वस्‍तुओं का एक बहुत अच्‍छा घरेलू और अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार भी है।

दोस्तों , हस्‍तशिल्‍प वस्‍तुओं का उत्‍पादन ग्रामीण इलाकों में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए भी विशेष रूप से महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि वे अपने घरेलू कामकाज निपटाने के साथ ही घर बैठे हस्‍तशिल्‍प वस्‍तुओं को तैयार कर सकती हैं। महिलाएं इस क्षेत्र का एक बहुत बड़ा कार्यबल है और वे कुल कार्यबल का 50 प्रतिशत हिस्‍सा है।

श्री पीयूष गोयल ने कहा कि हस्तशिल्प को प्रोत्‍साहन देने से न केवल देश के परंपरागत मूल्यों और समकालीन दृष्टिकोण के बीच संतुलन सुनिश्चित होता है बल्कि देश के कुशल शिल्‍पकारों को आश्रय भी मिलता है। 

उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री के कथन को उद्धृत किया जिसमें उन्‍होंने कहा था, "हथकरघा और हस्तशिल्प भारत की विविधता और अनेक बुनकरों और कारीगरों की निपुणता को प्रकट करते हैं।" केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का हस्तशिल्प/हथकरघा निर्यात बढ़ रहा है। 

साथ ही, हमारे उत्पाद दूसरों की तुलना में अधिक टिकाऊ होते हैं। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत का प्रयास है कि 2047 में आजादी के 100 साल पूरे होने पर देश एक विकसित और समृद्ध राष्‍ट्र होगा।

वस्त्र मंत्रालय द्वारा 28 नवंबर 2022 को उत्‍कृष्‍ट शिल्‍पकारों को वर्ष 2017, 2018 और 2019 के लिए 30 शिल्प गुरु पुरस्कार और 78 राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें से 36 महिलाएं हैं। पुरस्कारों का मुख्य उद्देश्य शिल्प कौशल में उनकी उत्कृष्टता और भारतीय हस्तशिल्प और वस्त्र क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान के लिए उन्‍हें मान्यता देना है।

शिल्प गुरु पुरस्कार  कब शुरू हुए  ?

शिल्प गुरु पुरस्कार उत्कृष्ट शिल्प कौशल, उत्पाद उत्कृष्टता और पारंपरिक विरासत के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में अन्य प्रशिक्षु कारीगरों को शिल्प की शिक्षा देने में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका के लिए प्रसिद्ध उत्‍कृष्‍ट शिल्पकारों को दिए जाते हैं। 

पुरस्कार 2002 में भारत में हस्तशिल्प के पुनरुत्थान की स्वर्ण जयंती मनाने के लिए शुरू किए गए थे। पुरस्कार में एक सोने का सिक्का, दो लाख रुपये की पुरस्कार राशि, एक ताम्रपत्र, एक शॉल और एक प्रमाण पत्र शामिल है। 

उत्कृष्ट शिल्प कौशल के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार कब शुरू हुए ?

विभिन्न शिल्प श्रेणियों में उत्कृष्ट शिल्प कौशल के लिए 1965 से राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जा रहे हैं। जिन मुख्य शिल्पों के लिए पुरस्कार दिए गए हैं वे हैं मेटल एनग्रेविंग, चिकन हैंड एम्ब्रायडरी, खुर्जा ब्लू पॉटरी, माता नी पछेड़ी कलमकारी, बंधनी, टाई एंड डाई, हैंड ब्लॉक बाग प्रिंट, वारली आर्ट, स्टोन डस्ट पेंटिंग, सोजनी हैंड एम्ब्रायडरी, टेराकोटा, तंजौर पेंटिंग, शोलापिथ, कांथा हैंड एम्ब्रायडरी, पाम लीफ एनग्रेविंग, वुड पर ब्रास वायर इनले, वुड तारकाशी, मधुबनी पेंटिंग, गोल्ड लीफ पेंटिंग, स्ट्रॉ क्राफ्ट आदि। 

पुरस्कार में एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि, एक ताम्रपत्र, एक शॉल और एक प्रमाण पत्र शामिल है। वर्ष 2017, 2018 और 2019 के राष्ट्रीय पुरस्कारों के लिए 78 शिल्पकारों का चयन किया गया है, जिसमें दो डिजाइन इनोवेशन पुरस्कार शामिल हैं, जहां एक डिजाइनर और कारीगर एक अद्वितीय उत्पाद बनाने के लिए सहयोग करते हैं।

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