World Sparrow Day: विश्व गौरैया दिवस 20 मार्च
Vishva Gauraya diwas kab h ?
गर्मी के दिनों में बच्चे गौरैया के लिए पेड़ की छांव या घर के रोशनदान के पास पानी के कटोरे भरकर रख देते थे। जब वह ची-ची करके पानी पीती थी तो बच्चों को अजीब-सी संतुष्टि का अनुभव होता था। जब मिट्टी या केवल ईंट से बिना लिपाई-पुताई के घर होते थे तो दीवार के झरोखों में मादा गौरेया अपने बच्चों को अपनी चोंच से खाना खिलाती थी तो छोटे बच्चे उनको देख कर अपनी मां से तरह-तरह के प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत करते थे।
*कहाँ गई गौरेया ? Kahan gai gaureya .*
भारत समेत विश्व के कई देशों में गौरैया पाई जाती है. 20 मार्च को गौरेया दिवस लोगों में गौरेया के प्रति जागरुकता बढ़ाने और उसके संरक्षण के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है. वर्तमान में खेती के कार्यों व फसलों में रासायनिक खाद व कीटनाशक दवाओं के बढ़ते प्रयोग के कारण अन्य पक्षियों की तरह गौरेया भी विलुप्त होने लगी हैं। बढ़ते प्रदूषण सहित कई कारणों से गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है और अब विश्व भर में इनके अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.
*कौन है गौरैया? Who is sparrow*
गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस है और यह पासेराडेई परिवार का हिस्सा है. विश्व के विभिन्न देशों में पाई जाने वाली गौरेया लगभग 15 सेंटीमीटर लम्बी होती है, कहने का मतलब है कि बहुत ही छोटी होती है. शहरों के मुकाबलों गांवों में रहना इसे अधिक सुहाता है.क्योंकि गांव में शोर-शराबा कम होता है और खेतों में खाने को आसानी से उपलब्ध हो जाता है। इसका अधिकतम वजन 32 ग्राम तक होता है. यह कीड़े और अनाज खाकर अपना जीवनयापन करती है.
*गौरैया की शारीरिक बनावट*
आपको बता दें कि गौरैया का वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस और सामान्य नाम हाउस स्पैरो है जबकि ग्रामीण भाषा मे इनको चिड़िया भी कहते हैं। इसकी ऊंचाई 16 सेंटीमीटर और विंगस्पैन 21 सेंटीमीटर होते हैं. गौरैया का वजन 25 से 40 ग्राम होता है. गौरैया अथवा चिड़िया अनाज और कीड़े खाकर जीवनयापन करती है. शहरों की तुलना में गांवों में रहना इसे ज्यादा पसंद है. फसल कटाई के समय तो गौरेया के झुंड के झुंड चलते थे, सुबह खाने के लिए निकल पड़ती थी, जबकि सांझ ढ़ले झुंड में लौट आती थी। इनकी आवाज कानों को अच्छी लगती है।
*विश्व गौरैया दिवस 2022 थीम (World Sparrow Day 2022 Theme)*
गौरेया के सरंक्षण के लिए हर वर्ष गौरैया दिवस के अवसर पर कोई न कोई थीम (Theme) रख लेते हैं। इस वर्ष विश्व गौरैया दिवस 2022 की थीम 'आई लव स्पैरो’ (I Love Sparrow) है. इस थीम का एक उद्देश्य यह भी है कि छोटे बच्चों व नई पीढ़ी में प्रकृति और विशेषकर गौरैया के बारे में जानकारी देना, इसके संरक्षण, पालन पोषण व प्रेम करने और उनकी देखभाल हेतु प्रोत्साहित करना है।
*विश्व गौरैया दिवस का इतिहास*
हम गौरेया दिवस क्यों मनाते हैं , विश्व गौरैया दिवस मनाने की जरूरत क्यों पड़ी, इस प्रकार के सवाल मन मे उठना स्वाभाविक है। गौरेया दिवस को मनाने की शुरुआत भारत के नासिक में रहने वाले मोहम्मद दिलावर के प्रयत्नों से हुई थी . दिलावर द्वारा गौरैया संरक्षण के लिए *नेचर फॉर सोसाइटी* ( Nature for society) नामक एक संस्था शुरू की गई थी.पहली बार विश्व गौरैया दिवस 2010 में मनाया गया था.प्रतिवर्ष पिछले 12 सालों से 20 मार्च अर्थात गौरैया दिवस पर उन लोगों को गौरैया पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है जो प्रकृति, पर्यावरण एवं गौरैया संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर रहे हैं.
*मेरा आप सभी पाठकों से भी सादर अनुरोध है कि गर्मी के दिनों में गौरेया या अन्य पक्षियों के लिए पीने का पानी घर के बाहर कहीं छाँव में अवश्य रखें।*
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