Which date of Nowruz : 21 मार्च को है नवरोज
विश्वभर में नया साल मनाने की परंपरा है लेकिन सबका तरीका अलग-अलग है। सभी धर्मों में नया साल एक उत्सव की तरह अलग-अलग अंदाज में अलग-अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है। कोई नाच-गाकर तो कोई पूजा-अर्चना के साथ नए साल का स्वागत करता है। दुनिया में सबसे अधिक देशों में ईसाई नव वर्ष मनाए जाने की परंपरा है। ईसाई वर्ष 1 जनवरी से शुरू होकर 31 दिसंबर तक 12 महीनों में बंटा हुआ है। इतिहासवेत्ताओं के अनुसार हर धर्म में नववर्ष की तिथि अलग मानी गई है। खास बात यह है कि भले ही दुनिया के सभी धर्मों के रीति-रिवाज अलग-अलग हों लेकिन 1 जनवरी को सभी देशों में नए साल की धूम रहती है।
विभिन्न पर्वो, उत्सवों और मेलों के देश भारत में भी हर धर्म व समुदाय के पर्वों में समान उत्साह देखने को मिलता है. हिन्दुओं का त्यौहार हो या मुसलमानों का या फिर ईसाईयों का यहां तक कि भारत में पारसी समुदाय के त्यौहारों की भी धूम देखने को मिलती है.
What is New year of Parsian ?
इस बार 21 मार्च को पारसी समुदाय का मशहूर त्यौहार नवरोज यानि नया साल है.
पारसी समुदाय के लिए नववर्ष नवरोज आस्था और उत्साह का संगम होता है. नवरोज एक ऐसा पर्व है जिसका पारसी समुदाय साल भर इंतजार करते हैं क्योंकि इस दिन परिवार के सब लोग एकत्र होकर पूरे उत्साह के साथ इस त्यौहार को मनाते हैं और एक दूसरे को बधाई देते हैं।
मान्यता है कि करीब तीन हज़ार साल पहले जिस दिन ईरान में शाह जमशेद ने सिंहासन ग्रहण किया उसे नया दिन या नवरोज़ कहा गया. यह दिन जरथुस्त्र (Zarathustra) वंशियों का नए वर्ष का पहला दिन माना जाने लगा. यह त्यौहार विश्व के कई हिस्सों में समान हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है जैसे ईरान, इराक, बरहीन, लेबनान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान आदि. यही नही भारत में भी यह दिन पारसियों का नया दिन माना जाता है.
पारसी कैलेंडर की स्थापना kisne ki की थी ?
पारसी लोग मानते हैं कि इस दिन पूरी कायनात बनाई गई थी. पारसी लोग त्योहार की तरह नववर्ष के दिन विशेष पकवान बनाते हैं. इनमें मीठा रवा, सिवई, पुलाव, मछली तथा अन्य व्यंजन बनाए जाते हैं. इस दिन घर आने वाले मेहमानों का स्वागत गुलाब जल छिड़कर किया जाता है.
पारसी परंपरा के अनुसार इस दिन लोग मेज पर कुछ पवित्र वस्तुएं रखते हैं. इनमें जरथुस्त्र की तस्वीर, मोमबत्ती, दर्पण, अगरबत्ती, फल, फूल, चीनी, सिक्के आदि शामिल हैं. माना जाता है कि इससे परिवार के लोगों की आयु और समृद्धि बढ़ती है.
What is Parsi festival Nowruz ?
जिस प्रकार हिंदू नवरात्रों में मंदिरों में जाते हैं उसी प्रकार नवरोज के दिन पारसी परिवार अपने उपासना स्थलों पर जाते हैं. इस दिन उपासना स्थलों में पुजारी धन्यवाद देने वाली प्रार्थना करते हैं जिसे जश्न कहा जाता है. इस दिन पवित्र अग्नि को लोग चंदन की लकड़िया चढ़ाते हैं. प्रार्थना के बाद पारसी लोग एक-दूसरे को साल मुबारक कहते हैं.
बेशक भारत में पारसी समुदाय आबादी के लिहाज से बेहद छोटा समुदाय है लेकिन यह नवरोज जैसे अपने त्यौहारों के माध्यम से अपनी परंपराओं को आज भी जीवित रखे हुए है. भारत जहां हर धर्म और जाति के लोगों को समान जगह और इज्जत दी जाती है वहां पारसी समुदाय के इस त्यौहार की भी धूम देखने को मिलती है.
Happy new year Nowruz
नवरोज के लिए हमारी तरफ से भी पारसी समुदाय को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं !
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