लू से बचने के घरेलू उपाय 2022 ? What are remedies for Heat stroke ?

 क्या है लू ? What is heatwave ?



हमारा देश भारत वैसे तो विविधताओं भरा है। एक ही समय में जहां देश के कुछ हिस्सों में बर्फबारी होती है, वहीं उसी समय एक हिस्से में तेज गर्मी भी कहर बरपा रही होती है। समुद्र के किनारे के कई राज्य ऐसे हैं जहां पर मिला-जुला मौसम होता है।

उत्तर भारत में अप्रैल से लेकर जून-जुलाई माह में तपिश तो होती ही है, लू चलने से लोगों की जिंदगी बदहाल हो जाती है। गर्मियों के दिनों में अपने देश के कई शहरों में तापमान इतना ज्यादा हो जाता है कि घर से बाहर निकलना ही मुश्किल होने लगता है। इन दिनों दोपहर के समय बाहर बहुत तेज गर्म हवाएं चलती हैं, इन गर्म हवाओं को ही लू (Heat Stroke) कहते हैं। मजबूत इम्युनिटी वाले लोग तो इन गर्म हवाओं को किसी तरह सहन कर लेते हैं लेकिन अधिकांश लोग इन हवाओं के संपर्क में आते ही बीमार पड़ जाते हैं। अपने देश में हर साल काफी बड़ी तादात में लोग लू की चपेट में आ जाते हैं।   

लू लगने के क्या कारण  हैं   CAUSES OF HEAT STROKE  IN HINDI

गर्मी के दिनों में ये गर्म हवाएं जब लोगों के शरीर के संपर्क में आती हैं तो शरीर का तापमान बढ़ा देती हैं और इस वजह से कई समस्याएं होने लगती हैं। ज्यादा देर तक धूप में काम करना और शरीर में पानी की कमी होना लू लगने के प्रमुख कारण हैं। बच्चे और बूढ़े लोग लू की चपेट (Sun Stroke) में जल्दी आ जाते हैं। अधिकांश मामलों में लोगों को यह जल्दी पता ही नहीं चल पाता है कि उन्हें लू लग गयी है। हालांकि इसका सही अंदाजा तो लू के लक्षणों को देखकर ही लगाया जा सकता है। इसलिए हर किसी को लू के लक्षणों की पूरी जानकारी होनी चाहिए।

लू लगने के क्या लक्षण हैं  WHAT ARE SYMPTOMS OF HEAT STROKE IN HINDI ?

आप को हम बता दें कि लू लगने पर सिर में तेज दर्द होना, चक्कर आना और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। हालांकि आरंभ में इन लक्षणों की तीव्रता काफी कम होती है लेकिन समय के साथ-साथ ये बढ़ते जाते हैं। कई बार ऐसा भी होता है कि लू लगने पर अचानक से तेज बुखार होने लगता है और शरीर में गर्मी बढ़ती जाती है। शरीर में गर्मी बढऩे के बावजूद भी लू लगने के दौरान शरीर से पसीना नहीं निकलता है। ऐसे में हमें समझ जाना चाहिए कि ये लू लगने के लक्षण हैं और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए, वरना हालत चिंताजनक भी हो सकती है।

यहां यह बताना भी जरूरी है कि लू लगने पर उल्टी आना और शरीर में तेज दर्द होना आम बात है। उल्टी होने के कारण शरीर में सोडियम और पोटैशियम का संतुलन बिगड़ जाता है। यही नहीं कमजोर इम्युनिटी वाले या शारीरिक रुप से कमजोर लोग लू लगने से कई बार बेहोश भी हो जाते हैं।

लू लगने पर क्या करें?

अगर लक्षणों से पता चल जाता है कि फलां व्यक्ति को लू लग गई है तो पीडि़त व्यक्ति यानि मरीज को तुरंत छायादार जगह पर या ठंडी जगह पर लिटा दें। उसके गर्म शरीर को ठंडा करने के लिए शरीर पर ठंडे पानी की पट्टियां लगाएं। अगर घर में है मरीज, तो घर के खिडक़ी दरवाजे खोल दें और कूलर या एयर कंडीशनर चालू कर दें। इसके बाद जितना जल्दी हो सके मरीज को तुरंत डॉक्टर के पास अवश्य लेकर जाएं।

लू से बचने के क्या हैं उपाय ? What are the ways to avoid the heat?

हम अखबारों व टीवी में समाचार देखते हैं कि हर साल लू लगने से कई व्यक्तियों की जान चली जाती है। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि अगर गर्मी के मौसम में आप ठीक ढंग से अपना ख्याल रखें और कुछ आवश्यक सावधानियां बरतें तो लू के प्रकोप से बच सकते हैं। 

   आइये हम आपको आगे लू से बचने के कुछ प्रमुख उपायों (sunstroke treatment in hindi) के बारे में बताते है :-

- गर्मियों के दिनों में थोड़ा व हल्का भोजन करें जो जल्दी पच जाए।

- अगर घर से बाहर जाना पड़े तो पूरी बांह के कपड़े पहनें और नंगे पैर बाहर ना निकलें।

- पहनावे का भी विशेष ध्यान रखना है, जहां तक संभव हो सके हल्के रंगों वाले सूती कपड़े पहनें और सिंथेटिक कपड़ों से परहेज करें।

- गर्मी के दिनों में कभी भी खाली पेट घर से बाहर ना निकलें, यह ध्यान अवश्य रखना है।

- ज्यादा देर तक धूप में रहना हो तो छाते का या किसी तौलिये का सिर पर इस्तेमाल करें।

- जितनी अधिक गर्मी हो उतना अधिक मात्रा में पानी पिएं। बाहर जाते समय पानी की बोतल साथ जरूर लेकर जाएं।


लू से बचने के क्या हैं घरेलू उपाय?  WHAT ARE HOME REMEDIES FOR HEAT STROKE IN HINDI

वैसे तो लू लगने के कारण मरीज को ज्यादा गंभीर हालत में डॉक्टर के पास ले जाने में ही भलाई है, फिर भी हल्की लू लगने के अधिकतर मामलों में आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर मरीज को ठीक कर सकते हैं। इसके लिए अपनी डाइट में ठंडे तरल पेय पदार्थों का सेवन अधिक करें। आइये अब हम कुछ प्रमुख घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं : -

- घर पर ही आम का पना बनाकर पियें। लू से बचने का यह सबसे असरदार घरेलू उपाय माना जाता है।

- प्याज को भून लें और इसे एक साधारण प्याज के साथ मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण में जीरा पाउडर और मिश्री मिलाकर खाने से भी लू से बिगड़ी हालत में काफी आराम मिलता है। इसके अलावा, गर्मियों में प्रतिदिन अपनी डाईट में कच्चे प्याज का इस्तेमाल करें तो बेहतर होगा।

- आपको पता ही होगा कि धनिये और पुदीने दोनों की ही तासीर ठंडी होती है। लू से बचने के लिए गर्मियों में रोजाना धनिये और पुदीने का जूस बनाकर पिएंगे तो लू से काफी हद तक बचा जा सकता है।

- हरी सब्जियों का सूप बनाकर रोजाना सेवन करें, सेहत के लाभदायक माना जाता है।

- प्रत्येक व्यक्ति को अपने शरीर को ठंडा रखने के लिए दिन में एक या दो बार नींबू पानी का सेवन अवश्य करना चाहिए।

लू से बचने के आयुर्वेदिक उपाय क्या हैं ? WHAT ARE AYURVEDIC MEDICINE FOR SUNSTROKE IN HINDI 

देशी दवाओं के जानकार लोग जानते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार गर्मियों के दिनों में ठंडी तासीर वाली चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे शरीर में ठंडक बनी रहती है और लू भी नहीं लगती है। दोस्तो , इस लेख में हम आपको कुछ  अन्य ऐसे घरेलू आयुर्वेदिक उपाय बता रहे हैं जिनका लू लगने पर इस्तेमाल करना बहुत ही फायदेमंद रहता है।

1- सेब का सिरका - गर्मियों में लू लगने पर शरीर में मिनरल और इलेक्ट्रोलाइट की कमी हो जाती है खासतौर पर पोटैशियम और मैग्नीशियम जैसे जरुरी मिनरल की मात्रा काफी कम हो जाती है। ऐसे में सेब के सिरके का सेवन करने से ये खोए हुए मिनरल वापस मिल जाते हैं और शरीर में इनका संतुलन बना रहता है। गांव में तो लोग पहले सिरके का प्रयोग काफी प्रचलन में था। आपको यह भी बताते चलं कि इस सिरके की खुराक और सेवन का सही तरीका क्या है? इसमें दो चम्मच सेब के सिरके को एक गिलास पानी में मिलाकर दिन में दो बार इसका सेवन करना चाहिए।



2 - चंदनासव -  यह औषधि चंदन और कई तरह की जड़ी बूटियों से निर्मित एक आयुर्वेदिक पेय है। आयुर्वेद के अनुसार चंदनासव में शीतल गुण होता है।  ठंडी तासीर होने के कारण जब शरीर में गर्मी या जलन काफी बढ़ जाती है तो इसका इस्तेमाल करना बहुत लाभप्रद रहता है। लू लगने पर इसका सेवन करने से सेहत में जल्दी आराम मिलता है। इसको तीन से चार चम्मच चंदनासव और समान मात्रा में पानी मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने के बाद इसका सेवन करें।

3- बेल का शरबत- आपको पता ही होगे कि गर्मियों में बेल का शरबत अमृत के समान होता है। बेल में विटामिन सी और फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इसके सेवन से शरीर में ठंडक बनी रहती है और लू से बचाव होता है। बेल का शरबत पाचन तंत्र को भी तंदरूस्त रखता है। इसकी खुराक और सेवन का तरीका  जानना भी है, इसमें रोजाना दिन में दो-तीन बार इस जूस का सेवन खाना खाने से पहले करना चाहिए।

4- गिलोय का जूस - पिछले करीब एक दशक से जब से बाबा रामदेव जी ने लोगों में दोबारा योग और आयुर्वेद के प्रति चेतना जागृत की है तब से लोग गिलोय को अच्छी से जानने लगे हैं। क्योंकि  गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मदद करती है। आयुर्वेद के अनुसार गिलोय वात, पित्त और कफ का दमन करने वाला माना जाता है। यह लू में होने वाले तेज बुखार को जल्दी ठीक करती है और शरीर के तापमान को और बढऩे से रोकती है। जहां तक इसकी खुराक और सेवन की बात है ,आजकल बाजार में गिलोय का रस आसानी से उपलब्ध है। कई कंपनियों ने आजकल गिलोय की ऑनलाइन बिक्री भी शुरू कर दी है, आप इसे ऑनलाइन भी मंगा सकते हैं। दो से तीन चम्मच गिलोय रस में समान मात्रा में पानी मिलाकर रोजाना सुबह नाश्ते से पहले इसका सेवन करें तो लू से बचा जा सकता है।



5- उशीरासव - सुनने में यह नाम आपको अटपटा लग सकता है लेकिन  है बड़ा ही करगर। उशीरासव (खस) एक आयुर्वेदिक पेय औषधि है। यह पित्तशामक है और लू लगने पर यह शरीर में होने वाली गर्मी और जलन को शांत करने में विशेष सहायता करती है। इसके अलावा पित्त संबंधी सभी रोगों में आप उशीरासव का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसकी खुराक और सेवन के तरीके की बात करें तो आप तीन से चार चम्मच उशीरासव और समान मात्रा में पानी मिलाकर दिन में दो बार खाना खाने के बाद इसका सेवन करें।

(उक्त लेख में बताए गए उपाय आप किसी डॉक्टर की सलाह लेकर ही करें ताकि कोई उल्टा असर न हो जाए। अगर घरेलू या आयुर्वेदिक उपायों से कोई आराम नहीं मिल रहा है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपना इलाज करवाएं )


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