कौन है पंजाब का
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान 2022:
भगवंत मान पंजाब के नए मुख्यमंत्री बन गए है। शपथ ग्रहण समारोह में लाखों लोग शामिल हुए। इसमें दो लोगों की चर्चा सबसे ज्यादा रही। ये दोनों शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए अमेरिका से आए थे। हम बात कर रहे हैं भगवंत मान के बच्चों की। दोनों सात साल बाद अपने पिता से मिले।
भगवंत मान के बेटे दिलशान मान (17) और बेटी सीरत कौर मान (21) अमेरिका में अपनी मां इंद्रप्रीत कौर के साथ रहते हैं। मान और इंद्रप्रीत 2015 में अलग हो गए थे। तब से दिलप्रीत अपने दोनों बच्चों के साथ अमेरिका में ही रहती हैं।
पंजाब के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान आज पूरे देश में चर्चित चेहरा बन गए हैं। उनको आम आदमी पार्टी का दूसरा मुख्यमंत्री होने का गौरव प्राप्त हुआ है।
पंजाब में आप पार्टी के प्रथम मुख्यमंत्री बने हैं भगवंत मान।
पंजाब में आप पार्टी के प्रथम मुख्यमंत्री बने हैं भगवंत मान। पंजाब विधानसभा की 117 सीटों में से 92 सीटों पर आम आदमी पार्टी की जीत हुई है ,देश एवं प्रदेश के लोग अब उनके बारे में विस्तार से जानने के इच्छुक हैं। हमने उनके बारे में विभिन्न सूत्रों से जानकारी हासिल करने की कोशिश की है जिसके आधार पर पाठकों को बताने का प्रयास है। भगवंत मान का जन्म 17 अक्टूबर 1973 को पंजाब के संगरूर जिले के सतोज गांव में एक जाट सिख परिवार में हुआ। उनके पिता का नाम मोहिंदर सिंह और मां का नाम हरपाल कौर है। उन्होंने शहीद उद्यम सिंह गवर्नमेंट कॉलेज, सुनाम से स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
भगवंत मान बचपन से ही एक्टिंग में रूचि रखते थे
भगवंत मान कालेज समय में ही यूथ फेस्टिवल और इंटर कॉलेज प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू कर दिया था। विशेष बात यह है कि उन्होंने पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला में शहीद उद्यम सिंह गवर्नमेंट कॉलेज, सुनाम के लिए एक प्रतियोगिता में दो स्वर्ण पदक जीते थे।
भगवंत मान को 18 जनवरी 2022 को फरवरी 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया। आम आदमी पार्टी का दावा है कि 93 प्रतिशत लोग सरदार भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चाहते थे। वह इससे पूर्व पंजाब राज्य से सांसद रहे हैं। वे मई 2014 से पंजाब के संगरूर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा संसद सदस्य रहे हैं।
भगवंत मान कॉमेडियन व एक्टर रहे हैं
पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत मान ने राजनीति, व्यापार और खेल जैसे विशिष्ट भारतीय मुद्दों को लेकर हास्य-व्यंग्य अथवा कॉमेडी का नया फलसफा लिखा। पंजाब के मशहूर कॉमेडियन जगतार जग्गी के साथ उनका पहला कॉमेडी एल्बम था। उन्होंने अल्फा ईटीसी पंजाबी चैनल के लिए ‘जुगनू कहन्दा है’ नामक एक टेलीविजन कार्यक्रम बनाया जो कि काफी सफल रहा। करीब दस साल तक दोनों की जुगलबंदी रही, फिर वे अलग हो गए। भगवंत मान ने फिर राणा रणबीर के साथ अपने कॉमेडी के मुकाम को आगे बढ़ाया। मान व राणा ने मिलकर अल्फा ईटीसी पंजाबी चैनल के लिए ही एक टेलीविजन कार्यक्रम ‘जुगनू मस्त-मस्त’ बनाया जो कि बेहद सफल माना जाता है। वर्ष 2006 में एक बार भगवंत मान और जगतार जग्गी फिर से मिले और ‘नो लाइफ विद वाइफ’ शो तैयार किया। इस शो को लेकर उन्होंने कनाडा और इंग्लैंड का दौरा किया जिससे उनको काफी लोकप्रियता मिली और आर्थिक तौर से मजबूती भी मिली।
भगवंत मान की जिंदगी बदली ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज ने
आमतौर पर कहा जाता है कि भगवान एक बार सबको जिंदगी में आगे बढऩे का अवसर देता है, अगर कोई उसको पहचान ले तो सफल हो जाता है। ऐसा ही कुछ भगवंत मान के साथ हुआ। वर्ष 2008 में भगवंत मान ने स्टार प्लस पर ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में भाग लिया, जिससे उनकी पंजाबी भाषी दर्शकों के साथ-साथ हिंदी भाषी दर्शकों की संख्या में भी वृद्धि हुई। भगवंत मान ने बलवंत दुल्लत द्वारा निर्देशित राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘मैं माँ पंजाब दी’ में भी अभिनय किया। मान ने एमएच-वन चैनल पर ‘जुगनू हाजिर है’ में अभिनय किया जिसकी चैनल-जगत में काफी सराहना हुई।
भगवंत मान का राजनीति में प्रवेश :
मशहूर कॉमेडियन भगवंत मान ने अपने राजनैतिक सफर की शुरूआत वर्ष में की, और वे पंजाब की पीपुल्स पार्टी में शामिल हो गए। इसके बाद वर्ष 2012 में उन्होंने पंजाब के लेहरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा परंतु हार गए। मान ने मार्च 2014 में आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया और उन्होंने संगरूर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और 2 लाख से भी अधिक मतों से जीत हासिल की।
2012 में भगवंत मान आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ गए
2012 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद भगवंत मान आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ गए। 2014 लोकसभा चुनाव में आप ने उन्हें संगरूर से टिकट दिया और वह जीत भी गए। तब भगवंत की जीत के लिए उनकी पत्नी इंदरप्रीत कौर ने भी खूब मेहनत की थी। नतीजा निकला तो भगवंत जीत भी गए। हालांकि, एक साल बाद ही दोनों का तलाक हो गया।
भगवंत मान ने पत्नी से तलाक का कारण बताया
एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में भगवंत मान ने पत्नी से तलाक का कारण बताया था। उन्होंने बताया था कि जब तक वह कॉमेडियन थे, तब तक परिवार को खूब समय देते थे। 2014 में लोकसभा चुनाव लड़कर जीते। इसके बाद से वह पत्नी और बच्चों को ज्यादा समय नहीं दे पाते थे। जनता के बीच उनका ज्यादा वक्त गुजरता था। यही कारण है कि 2015 में उनकी पत्नी उनसे अलग हो गईं। अब पत्नी और बच्चे अमेरिका में रहते हैं। वह अकेले ही दिल्ली और अपने पंजाब स्थित घर में रहते हैं। मान कहते हैं, अब मेरे पंजाब के लोग ही मेरा परिवार हैं। मान को आम आदमी पार्टी का पंजाब राज्य का संयोजक बनाया गया। उन्होंने वर्ष 2017 में अकाली दल उम्मीदवार पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सरदार सुखबीर सिंह बादल और कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ जलालाबाद में चुनाव लड़ा। वह सुखबीर बादल से 18,500 मतों से चुनाव हार गए।
भगवंत मान ने राजनैतिक सफर के लिए कमर कस ली
भगवंत मान ने इस चुनावी हार से हार नहीं मानी और अगले राजनैतिक सफर के लिए कमर कस ली। वे मई 2019 में हुए 17 वीं लोकसभा के आम चुनाव में पंजाब के संगरूर लोकसभा क्षेत्र से फिर सांसद चुने गए। उन्होंने यह चुनाव 1 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीता। वह संसद के निचले सदन (लोकसभा) में आम आदमी पार्टी के एकमात्र सांसद हैं।
कब बनाया भगवंत मान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार
लोग अब यह जानने का उत्सुक हैं कि भगवंत मान को आम आदमी पार्टी ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कब बनाया ? फरवरी 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के लिए मान को 18 जनवरी 2022 को पंजाब के मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में चुना गया था। पार्टी द्वारा यह चयन जनता से सर्वे मतदान द्वारा किया गया था और पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल द्वारा परिणाम घोषित किए गए थे। पंजाब में 10 मार्च 2022 को विधानसभा के नतीजे देखकर लगता है कि आप पार्टी का भगवंत मान को मुख्यमंत्री के पद का चेहरा बनाए जाने का फैसला सही था।
भगवंत मान ने किसानों के मुद्दे लोकसभा में उठाए
पंजाब के मुख्यमंत्री चुने गए भगवंत मान ने लोकसभा में सांसद रहते हुए किसानों के मुद्दे भी जोर-शोर से उठाए थे। उन्होंने 9 फरवरी को लोकसभा में किसानों का गन्ना का बकाया भुगतान का मुद्दा उठाया था जिसमें उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का वर्ष 2020-21 और 2021-22 का लंबित भुगतान ब्याज समेत तुरंत जारी किया जाए। भगवंत मान ने कीट के हमले से कपास को हुए नुकसान के लिए भी किसानों को मुआवजे देने की मांग की थी। उन्होंने किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों को सहायता देने की भी केंद्र सरकार से जोरदार मांग की थी, जिससे किसानों में उनके प्रति विशेष रूझान बना।